Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 गेमिंग सेक्टर की जरूरतें पूरी करेगा एआईजीएफ | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » धर्मंपथ » गेमिंग सेक्टर की जरूरतें पूरी करेगा एआईजीएफ

गेमिंग सेक्टर की जरूरतें पूरी करेगा एआईजीएफ

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए आगे आया है। इसके तहत गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न हितधारकों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने के लिए मंच, अनुसंधान एवं नीतिगत हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए आगे आया है। इसके तहत गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न हितधारकों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने के लिए मंच, अनुसंधान एवं नीतिगत हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

एआईजीएफ में गेम ऑपरेटर, खिलाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता, अर्थशास्त्री, नीति विश्लेषक, उद्योग जगत के विशेषज्ञ, कानूनी एवं सलाहकार फर्मे, प्रोद्यौगिकी कंपनियां, गेमिंग डिजाइनर, पेमेंट गेटवे वेंडर, गेमिंग ब्लॉगर और जिम्मेदार गेमिंग कंपनियां शामिल होंगी।

भारत में गेमिंग उद्योग के सकारात्मक पहलुओं पर जोर देने के लिए नई दिल्ली में एआईजीएफ का आधिकारिक लॉन्च किया गया, जिस पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात दिग्गजों के द्वारा एक पैनल चर्चा के माध्यम से रोशनी डाली गई। इन दिग्गजों में, कीर्ति आजाद (पूर्व क्रिकेटर एवं लोकसभा सांसद), हांगकांग के एशिया गेमिंग ब्रीफ की प्रबंध निदेशक रोजालिंड वाडे और रणजीत सिन्हा (सीबीआई के पूर्व निदेशक) शामिल थे। इन सबने वीडियो कान्फ्रें सिंग के माध्यम से चर्चा में हिस्सा लिया।

जुआ और सट्टेबाजी भी गेम है। वर्ष 2010 की केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जुए और सट्टेबाजी का कारोबार 60 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का है जिसका एक बड़ा हिस्सा गैर-कानूनी है। हाल ही में इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स सिक्योरिटी द्वारा पेश की गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सट्टेबाजी का बाजार 130 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का है।

एफआईसीसीआई के अनुमान के अनुसार कानूनी जुए और सट्टेबाजी की राजस्व क्षमता तकरीबन 20,000 करोड़ रुपये हो सकती है। चूंकि जुआ पीड़ित रहित अपराध है और 1867 के कानून को गंभीरता से लागू नहीं किया गया है, ऐसे में भारत के राजकोषीय घाटे में राहत पाने के लिए इस गतिविधि को कानूनी बनाना उचित होगा।

इस गतिविधि से आने वाले धन का इस्तेमाल सामाजिक एवं बुनियादी संरचना से जुड़ी योजनाओं एवं खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

एआईजीएफ के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने एआईजीएफ के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उद्योग जगत के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान, एफडीआई का भत्ता और प्रोद्यौगिकी सहयोग, जिम्मेदाराना गेमिंग को बढ़ावा देना, खिलाड़ी की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और गेमिंग उद्योग के लिए नए मार्ग प्रशस्त करना है। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

उन्होंने कहा, “गेमिंग उद्योग में सरकारी खजाने में राजस्व बढ़ाने की अपार क्षमता है, बशर्ते कि इस पर निष्पक्ष नियंत्रण रखा जाए और इसके लिए उचित दरों पर कराधान तय किया जाए।

कौशल से जुड़े खेल (गेम ऑफ स्किल) और मौके से जुड़े खेल (गेम ऑफ चांस) के बीच एक बुनियादी अंतर है।

वर्ष 1967 में आंध्रप्रदेश राज्य बनाम आर सत्यनारायण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि रम्मी एक ऐसा खेल है, जिसमें पर्याप्त कौशल की आवश्यकता होती है। 1996 में के आर लक्ष्मणन बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि घोड़े की दौड़ पर दांव लगाना महज कौशल का खेल है।

इसी तरह पोकर को भी कर्नाटक, कोलकाता के न्यायालयों, पश्चिम बंगाल के विधान एवं हाल ही में नगालैंड में कौशल के खेल के रूप में मान्यता दी गई है।

बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि पोकर, रम्मी और फैंटेसी क्रिकेट जैसे खेलों को पहले से कानूनी तौर पर मान्यता दे दी गई है। हालांकि इनमें पैसा दांव पर लगाया जाता है।

कानूनी सट्टेबाजी प्रतिष्ठित गेमिंग कंपनियों को बाजार में प्रवेश करने और आपराधिक तत्वों पर अंकुश लगाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा अंडरवल्र्ड को जाने वाली धनराशि पर भी रोक लगेगी, जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है।

गेमिंग सेक्टर की जरूरतें पूरी करेगा एआईजीएफ Reviewed by on . नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए आगे आया है। इसके तहत गेमिंग उद्योग से ज नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए आगे आया है। इसके तहत गेमिंग उद्योग से ज Rating:
scroll to top