कोलकाता, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की सरकार ने शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया, जिसे ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए उनके परिजनों ने केंद्र सरकार से भी नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की अपील की।
माना जा रहा है कि बंगाल सरकार के इस कदम से नेताजी के रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हो जाने से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से फाइलें सार्वजनिक किए जाने के बाद नेताजी के वंशज और परिवार के प्रवक्ता चंद्र कुमार बोस ने यहां संवाददाताओं को बताया, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बहुत बढ़िया काम किया है और अब केंद्र के पास भी उसके पास मौजूद फाइलों को सार्वजनिक करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।”
सार्वजनिक की गईं 64 फाइलों का डिजिटल प्रारूप सात डीवीडी के एक सेट में उपलब्ध है। मूल फाइलें कलकत्ता पुलिस संग्रहालय में रखी गई हैं। ये फाइलें सोमवार से ‘पहले आओ पहले पाओ’ आधार पर आम लोगों को उपलब्ध होंगी।
चंद्र कुमार बोस ने कहा, “उनके गायब होने के रहस्य का उद्घाटन करने वाली कहीं अधिक महत्वपूर्ण फाइलें केंद्र सरकार के विभागों के पास हैं। उन फाइलों के सार्वजनिक होने पर ही रहस्योद्घाटन हो सकता है।”
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से शुक्रवार को सार्वजनिक की गईं फाइलों में 12,744 पृष्ठ हैं और ये शोधकर्ताओं एवं विद्वानों के लिए उपलब्ध हैं।
कोलकाता पुलिस आयुक्त एस.के. पुरकायस्थ ने संग्रहालय में एक छोटे से समारोह के बाद फाइलों को नेताजी के वंशजों को सौंप दिया और इसकी प्रति संवाददताओं को भी दी।
पहली प्रति नेताजी की करीबी रिश्तेदार और पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद कृष्णा बोस को सौंपी गई।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 सितम्बर को यह कहते हुए नेताजी से जुड़ी 64 फाइलों को सार्वजनिक करने के अपनी सरकार फैसले की घोषणा की थी कि नेताजी के गायब होने से जुड़े रहस्य से पर्दा उठाए जाने की जरूरत है।
ममता ने कहा था, “नेताजी के गायब होने से जुड़ा रहस्य बरकरार है। इसलिए हमारे पास जो भी फाइलें हैं, हम उन्हें सार्वजनिक करेंगे, जिससे शायद उस रहस्य को दूर करने में मदद मिले।”
उन्होंने कहा था, “हमारे पास जो 64 फाइलें हैं, उन सभी को सार्वजनिक किया जाएगा। वे शहर के पुलिस संग्रहालय में रखी जाएंगी।”
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि ममता बनर्जी ने ‘राह दिखाई है और अब केंद्र को फाइलें सार्वजनिक करनी होंगी।’