नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। भारत के पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। उन पर प्रतिबंधित दवा ‘स्टेरॉयड’ के सेवन का आरोप लगा है।
इस कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने नरसिंह के रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है।
खेल मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि एक पहलवान डोप टेस्ट में फेल हो गया है, हालांकि उन्होंने नरसिंह का नाम नहीं लिया।
पिछले साल लास वेगास में हुए विश्व चैम्पियनशिप की 74 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीतकर नरसिंह ने ब्राजील में अगले माह होने वाले ओलम्पिक खेलों का टिकट हासिल किया था।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पांच जुलाई को नरसिंह का भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सोनीपत स्थित क्षेत्रीय जांच केंद्र पर आकस्मिक डोप टेस्ट किया था।
उनके पहले नमूने की जांच में वह प्रतिबंधित दवा के सेवन के दोषी पाए गए। इसके बाद उन्हें दोबारा जांच के लिए बुलाया गया और दूसरे नमूने की जांच भी पॉजिटिव निकली।
मंत्रालय ने रविवार को कहा, “राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा एक पहलवान को डोपिंग का आरोपी पाया गया है। वह डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। नाडा की ओर से इस मामले की सुनवाई के लिए एक डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक समिति (एडीडीपी) का गठन किया गया है। इसकी पहली सुनवाई शनिवार को हुई थी, जिसमें नरसिंह को अपने बचाव का अवसर दिया गया था।”
अपने बयान में मंत्रालय ने बताया, “सुनवाई के बाद एडीडीपी ने नाडा को आगे की रिपोर्ट देने के लिए कहा। रिपोर्ट मिलने के बाद एडीडीपी आगे की सुनवाई करेगी। एक विधि विशेषज्ञ की अध्यक्षता वाले इस पैनल में चिकित्सक और खेल हस्तियां भी शामिल हैं।”
नरसिंह ने हालांकि दावा किया है कि उन्होंने किसी प्रतिबंधित द्रव्य का सेवन नहीं किया और अपने खिलाफ इसे एक साजिश करार दिया।
नरसिंह ने एक समाचार चैनल से कहा, “यह मेरे खिलाफ साजिश है। मुझे पूरा विश्वास है कि सच्चाई सामने आ जाएगी। मैंने कभी कोई प्रतिबंधित द्रव्य नहीं लिया। मुझे पता है कि भारतीय ओलम्पिक समिति (आईओए) मेरी मदद करेगी।”
आईओए के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन का कहना है कि नरसिंह को इस मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा और किसी भी खराब छवि वाले एथलीट को ओलम्पिक में खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
एक समाचार चैनल ने रामचंद्रन के हवाले से कहा, “अगर कोई एथलीट डोपिंग का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी। आईओए धोखाधड़ी करने वाले किसी एथलीट को ओलम्पिक में खेलने की इजाजत नहीं देगा।”