टोरंटो, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। क्या आपने कभी इस पर ध्यान दिया है कि मीडिया में नजर आने वाले नामों में से 80 फीसदी नाम पुरुषों के होते हैं? एक नए अध्ययन से पता चला है कि मीडिया में जितना अधिक जिक्र किसी इंसान का होता है, उतनी ही ज्यादा संभावना इस बात की होती है कि यह इंसान कोई पुरुष ही होगा।
अध्ययन मैकगिल विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने किया है। उन्होंने पाया कि मीडिया में आने वाले हर छह में से पांच नाम पुरुषों के होते हैं।
इस शोध का नेतृत्व करने वाले एरन शोर ने कहा, “मीडिया खास तौर से सामाजिक और किसी खास पेशे में उच्च मुकाम पर रहने वाले लोगों पर ही ध्यान केंद्रित करता है। इनमें भी अधिकांश पुरुष होते हैं। जैसे सीईओ, राजनेता, फिल्म निर्देशक और ऐसे ही अन्य लोग।”
शोर ने कहा, “इसकी एक वजह तो मीडिया की तमाम अन्य लोगों की कीमत पर नेताओं के साथ लगे रहने की व्यस्तता है। और, इसके साथ ही जुड़ी हुई है ‘ग्लास सीलिंग’ (वे पूर्वाग्रह जो महिलाओं और अल्पसंख्यकों को आगे नहीं बढ़ने देते) जिसकी वजह से महिलाएं नेतृत्वकारी भूमिका तक नहीं पहुंच पातीं।”
शोर ने कहा कि चूंकि मशहूर, शीर्ष के लोगों का ही मीडिया में जिक्र होता है और चूंकि मशहूर और शीर्ष के लोगों में से अधिकांश पुरुष होते हैं, इसलिए मीडिया के संपूर्ण कवरेज में पुरुषों और महिलाओं के जिक्र में बहुत बड़ा अंतर आ जाता है।
इस अध्ययन में शोध करने वालों ने 1983 से 2009 के बीच करीब 2000 अखबारों, पत्रिकाओं और ऑनलाइन समाचार स्रोतों के डाटा का अध्ययन किया और यह नतीजा निकाला।
इसमें यह भी पाया गया कि मीडिया कवरेज में महिलाओं का जिक्र उन संस्थानों में भी कम है जिनकी मुख्य संपादक खुद कोई महिला होती है।
अध्ययन अमेरिकन सोशलोजिकल रिव्यू जर्नल में प्रकाशित हुआ है।