सशस्त्र आतंकवादियों ने 31 मई को उत्तरी कुंदुज शहर के बाहर काबुल-कुंदुज राजमार्ग पर तीन बसों को हथियारों के बल पर रुकवाया और करीब 200 यात्रियों को अपने साथ ले गए।
इस अपहरण की जिम्मेदारी तालिबान आतंकवादियों ने ली। उन्होंने 10 मुसाफिरों को वहीं के वहीं मौत के घाट उतार दिया था और बाकी यात्रियों को छोड़ दिया, जबकि आठ यात्रियों को अज्ञात जगहों पर ले गए।
कुछ दिन बाद हथियारबंद आतंकवादियों ने कुंदुज में ही एक यात्री बस को रुकवाया और 47 मुसाफिरों को जबरन बस से उतार उन्हें कुंदुज प्रांत की राजधानी कुंदुज शहर को पड़ोस के तखर प्रांत से जोड़ने वाली एक प्रमुख सड़क पर ले गए और उसके बाद उनमें से 10 को अज्ञात जगह ले गए।
पूर्वी गजनी प्रांत के प्रवक्ता जावेद सालांगी के अनुसार, इसके अलावा कुछ दिन पहले सर-ए-पोल प्रांत में दर्जनभर यात्रियों का अपहरण किया गया और पिछले मंगलवार को तालिबान आतंकवादियों ने बंधकों में से 12 को एंदर जिले में मौत के घाट उतार दिया।
अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सशस्त्र आतंकवादियों का बार-बार यात्रियों को अगुवा करना लोगों को आतंकित करने व सरकार को बदनाम करने की तालिबान समूह की नई रणनीति है।
कुंदुज प्रांतीय परिषद के सदस्य अमरुद्दीन वली ने हाल में समाचार एजेंसी को बताया, “यात्रियों का अपहरण राजमार्गो पर तालिबान के पूरी तरह नियंत्रण को दर्शाता है और साथ ही यह संदेश देता है कि सरकार राजमार्गो की हिफाजत सुनिश्चित करने में असमर्थ है।”