कोलकाता, 21 अगस्त (आईएएनएस)। माकपा और कांग्रेस ने रविवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष संघवाद के मामले में ढोंग कर रही हैं। एक दिन पहले संघवाद को रौंदने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की निंदा की थी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, “केंद्र की निरंकुशता पर मैं मुख्यमंत्री की नाराजगी से सहमत हूं, लेकिन उनके ढोंग से नहीं।”
मिश्रा ने सवालिया लहजे में कहा, “काफी समय तक वह केंद्र सरकार में भागीदार थीं तब संघवाद के लिए उनकी चिंता कहां थी?”
उन्होंने कहा कि अगस्त, 2011 में राज्य की मांगों को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सबसे पहले मिलने वाला वाम मोर्चा विधायक दल था।
मिश्रा ने कहा, “केंद्र सरकार में शामिल होने के बावजूद क्यों आप (ममता ) चुप थीं?” मकपा नेता का इशारा अतीत की ओर था, जब तृणमूल कांग्रेस केंद्र में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की घटक दल थी।
उधर, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मोदी और दीदी (ममता) के बीच बहुत कम अंतर है।
बंगाल को वंचित रखने के आरोप को खारिज करते हुए चौधरी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि प्रदेश में विपक्ष शासित स्थानीय स्थानीय निकायों पर कब्जा जमाने की कोशिश कर तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार की तरह व्यवहार कर रही है।
चौधरी ने फेसबुक पृष्ठ पर लिखा, “दीदी केंद्र पर पश्चिम बंगाल को वंचित रखने का अरोप लगा रही हैं। इस उपेक्षा का विरोध होने दीजिए हम भी संघर्ष करना चाहते हैं। लेकिन क्यों वे (तृणमूल) वित्तीय नाकेबंदी और आतंकी रणनीति के तहत विपक्ष शासित पंचायतों और नगरपालिकाओं पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “‘मोदी और दीदी में भेद करना बहुत कठिन है। दोनों एक ही रास्ते पर चल रहे हैं।”
केंद्र प्रायोजित परियोजनाओं के हाल में हुए विवेकीकरण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बनर्जी ने शनिवार को मोदी और उनकी सरकार को तानाशाह करार दिया था और आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा था कि क्या भारत में सरकार का एक राष्ट्रपतित्व स्वरूप है?