नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली मंगलवार को 10 दिवसीय दौरे पर अमेरिका रवाना होंगे। वह वहां अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वसंत बैठक में हिस्सा लेंगे। उसके बाद वह नशीले पदार्थो पर संयुक्त राष्ट्र के सत्र में भाग लेंगे और अमेरिकी निवेशकों के साथ वार्ता भी करेंगे।
इस यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि जेटली अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों से भी मिल सकते हैं।
आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम भी शामिल होंगे।
पहले पड़ाव में जेटली 17 अप्रैल को न्यूजर्सी पहुंचेंगे। वहां वह 19 अप्रैल को नशीले पदार्थो की वैश्विक समस्या पर संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र को संबोधित करेंगे।
सूत्र के मुताबिक, न्यूजर्सी में वह कारोबारियों और निवेशकों के साथ एक बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
उल्लेखनीय है कि मार्च में केंद्र सरकार ने संसद में 69,575 करोड़ रुपये के अनुदान के लिए एक पूरक मांग का प्रस्ताव रखा था, जिसका उपयोग आईएमएफ में भारत का कोटा बढ़ाने के लिए किया जाना था, ताकि आईएमएफ में देश का मताधिकार बढ़े।
आईएमएफ में ऐतिहासिक कोटा और प्रशासकीय सुधार के कारण पहली बार चार उभरते बाजार वाले देशों -ब्राजील, चीन, भारत और रूस- को इस साल जनवरी में इसके 10 सबसे बड़े सदस्यों के बीच जगह मिली। अमेरिकी कांग्रेस ने 2015 में इसके लिए मंजूरी दी थी।
दिसंबर 2010 में आईएमएफ के बोर्ड ऑफ गवर्नर ने इन देशों के लिए मंजूरी दी थी।
इस सुधार के बाद आईएमएफ की वित्तीय ताकत भी बढ़ गई। इसका स्थायी पूंजी संसाधन करीब 238.5 अरब एसडीआर (329 अरब डॉलर) से करीब दोगुना बढ़कर 477 अरब एसडीआर (659 अरब डॉलर) हो गया।
आईएमएफ के 10 बड़े सदस्यों में शामिल अन्य देशों में अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन हैं।
अभी आईएमएफ में देश की 2.44 फीसदी हिस्सेदारी है और 2.34 फीसदी मताधिकार है।