नई दिल्ली, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी), द इनोवेटिव फाइनेंस फाउंडेशन (आईएफएफ) और फ्रेंच कंपनी 3वेस्टे ने संयुक्त रूप से नई तकनीक के जरिए नगर निगम के ठोस कचरा के प्रबंधन का हल निकालने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रसिद्ध पत्रकार बरखा दत्त द्वारा संचालित कार्यक्रम में टेरी के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर, द इनोवेटिव फाइनेंस फाउंडेशन के अध्यक्ष रॉबर्ट फिलिप, नई प्रौद्योगिकी के अविष्कारक फैबियन चार्रिएर ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
बैठक में मौजूद फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिगलर ने कहा, “पर्यावरण पर मानव प्रभाव को कम करना बड़ी चुनौती है और भारत तथा फ्रांस मिलकर इस मुद्दे पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हमें राजनीतिक नेतृत्व के साथ प्रौद्योगिकी, नवाचार, निजी क्षेत्र व सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने की जरूरत है। इस लाभदायी इंडो-फ्रेंच पहल का समर्थन करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।”
यहां जारी बयान के अनुसार, यह तकनीक घरों से निकलने वाले अपशिष्ट कचरे को निस्तारित कर 90 प्रतिशत से अधिक स्वच्छ ऊर्जा के रूप ईंधन और कृषि के लिए शुद्ध खाद बनाने की क्षमता रखता है। कचरे का धनार्जन के रूप में विकसित होने से कम प्रदूषण, कम लैंडफिलिंग होगी। यह नई तकनीक स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी के पहल के लक्ष्य को भी पूरा करने में मददगार साबित होगी।
इस मौके पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड अंबेस्डर सोनल मान सिंह ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को पूरा करने में यह नई तकनीक विशेष भूमिका निभाएगी।”
मध्य प्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा आवंटित प्रथम चरण में मध्य प्रदेश को दो स्मार्ट सिटी मिले हैं और स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर स्मार्ट सिटी के लक्ष्य को पूरा करने में बहुत मदद मिलेगी।”
टेरी के महानिदेशक डॉ. माथुर ने कहा, “नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2000 और संशोधित नियम 2016 में लागू होने के बाद कचरों का प्रारंभिक स्तर पर अलग-अलग करना एक बड़ी चुनौती है। 3वेस्टे और टेरी द्वारा पेश इस तकनीक से सभी मिश्रित कचरों का 90 फीसदी तक निस्तारण कर स्वच्छ ऊर्जा और उच्च गुणवत्ता वाले खाद बनाए जा सकते हैं।”
आज वैश्विक स्तर पर नगरपालिका द्वारा प्रतिवर्ष पांच अरब टन ठोस कचरा उत्पनन्न किया जाता है। 2025 तक यह 10 अरब टन से अधिक हो जाएगा। भारत में अभी करीब 6.5 करोड़ टन कचरा प्रति वर्ष उत्पन्न होता है, जो 2025 तक बढ़कर 13.8 करोड़ टन हो जाएगा।