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 दीवानी मामलों में लागू नहीं हो सकता एससी-एसटी एक्ट, ऐसा करना कानून का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट | dharmpath.com

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दीवानी मामलों में लागू नहीं हो सकता एससी-एसटी एक्ट, ऐसा करना कानून का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट

January 10, 2023 9:46 pm by: Category: प्रशासन Comments Off on दीवानी मामलों में लागू नहीं हो सकता एससी-एसटी एक्ट, ऐसा करना कानून का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट A+ / A-

दिल्ली. एक दीवानी मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीन और संपत्ति से जुड़े मामले में एससी-एसटी एक्ट लागू नहीं हो सकता. अनुसूचित जाति समुदाय का कोई व्यक्ति अपने और उच्च जाति समुदाय के किसी सदस्य के बीच विशुद्ध रूप से दीवानी विवाद को एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के दायरे में लाकर, इस कड़े दंड कानून को हथियार नहीं बना सकता.

जानकारी के अनुसार पी. भक्तवतचलम, जो अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित हैं, ने एक खाली भूखंड पर एक घर का निर्माण किया था. इसके बाद उच्च जाति समुदाय के सदस्यों द्वारा उनके भूखंड के बगल में एक मंदिर का निर्माण किया जाने लगा. मंदिर के संरक्षकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि भक्तवतचलम ने भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए, अपने घर के भूतल और पहली मंजिलों में अनधिकृत निर्माण कराया है.

इसके जवाब में, पी. भक्तवतचलम ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर का निर्माण आम रास्ते, सीवेज और पानी की पाइप लाइनों पर अतिक्रमण करके हो रहा. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि उच्च जाति समुदाय के लोग सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए उनके घर के बगल में मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं. पी. भक्तवतचलम ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि उन्हें अपनी संपत्ति के शांतिपूर्ण आनंद से केवल इसलिए वंचित किया जा रहा है, क्योंकि वह एससी समुदाय से आते हैं.

चेन्नई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन अभियुक्तों को समन भेजा, जो कथित रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे. मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा समन जारी करने के खिलाफ अपील करने पर मद्रास हाईकोर्ट ने उच्च जाति समुदाय से आने वाले आरोपियों को राहत देने से इनकार कर दिया. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जहां जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपील की अनुमति दी, आरोपी व्यक्तियों को जारी किए गए समन को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विशुद्ध रूप से दीवानी विवाद के एक मामले को एससी-एसटी अधिनियम के तहत जातिगत उत्पीडऩ के मामले में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

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