नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय राष्ट्रीय परिवर्तन संस्थान (नीति) आयोग केंद्रीय और राज्य स्तरीय मंत्रालयों के साथ मिलकर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए काम करेगा। यह बात सोमवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कही।
पनगढ़िया ने कहा, “भारत की ऊर्जा समस्या का एक हिस्सा राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों में है, जो काफी बदहाल अवस्था में है। डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति काफी खस्ताहाल है। यदि वे दीवालिया हो जाती हैं, तो बिजली उत्पादक कंपनियां उन पर भरोसा नहीं कर पाएंगी।”
पेरिस की इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी और नीति आयोग द्वारा ऊर्जा थिंक टैंक टेरी के सहयोग से यहां आयोजित एक कार्यशाला में उन्होंने कहा, “केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर इस समस्या पर ध्यान दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “भारत समृद्ध बन रहा है और इसकी ऊर्जा मांग बढ़ेगी।”
पनगढ़िया ने कहा कि भारत अगले 10-15 सालों तक 8-10 फीसदी की दर से विकास कर सकता है और इस लिहाज से यहां बिजली की मांग बढ़ने वाली है।
उन्होंने कहा, “8-10 फीसदी औसत विकास दर के साथ अगले 15 सालों में भारत 8,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। लेकिन इसके साथ देश में बिजली की मांग में भारी वृद्धि होगी।”
बिजली की खपत बढ़ने का जलवायु परिवर्तन संबंधी प्रभाव के बारे में पनगढ़िया ने कहा कि भारत सबसे बड़ा प्रदूषणकारी देश नहीं है। इसकी अधिकांश जिम्मेदारी पश्चिमी देशों पर है, जहां ऊर्जा की खपत बहुत अधिक है।