रायपुर, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पिड़मेल में शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में नक्सलियों को तीन बड़े हथियार समेत एक यूबीजीएल भी हाथ लगा है। वारदात के बाद नक्सली एक नग मोर्टार तथा एलएमजी भी लूटने में सफल रहे।
हथियार विशेषज्ञों के अनुसार इस लूट से उनकी सामरिक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है।
यूबीजीएल लूट लिए जाने से फोर्स को फिर एक बार बड़ा नुकसान पहुंचा है और नक्सलियों की सामरिक क्षमता बढ़ गई है। अत्याधुनिक और 350 मीटर दूरी तक मारक क्षमता वाले इस हथियार की मदद से कई बार फोर्स ने नक्सलियों को पीछे धकेला है।
उल्लेखनीय है कि नक्सली इसके पहले टाहकवाड़ा मुठभेड़ में तीन व कसालपाड़ घटना में एक यूबीजीएल पहले ही लूट चुके हैं। इस प्रकार उनके पास अब पांच यूबीजीएल हो गए हैं। हथियार विशेषज्ञों के अनुसार यूबीजीएल से नक्सली आसानी से कैम्प व थाने को निशाना बना सकते हैं। इसे आसानी से एके रायफल में लोड कर दागा जा सकता है और नक्सलियों के पास काफी संख्या में एके 47 मौजूद हैं।
ज्ञात हो कि रविवार को एसटीएफ की सर्चिग पार्टी नक्सलियों के चंगुल में फंस गई थी। मुठभेड़ के दौरान सात जवान शहीद हो गए तथा दस गंभीर रूप से घायल हुए थे। घायलों का उपचार मेकाज व रायपुर में चल रहा है।
नक्सलियों ने सबसे खतनाक माने जाने वाले यू आकार का घात लगाकर जवानों को फंसाया। पोलमपल्ली थाने से रविवार दोपहर दो बजकर दस मिनट पर एसटीएफ के प्लाटून कमांडर शंकर राव के नेतृत्व में हमराह तीन प्रधान आरक्षक, 23 आरक्षक व 23 सहायक आरक्षकों की पार्टी सर्चिग के लिए पिड़मेल-जग्गावरम की ओर रवाना हुई थी। जैसे ही जवान पोलमपल्ली से आगे बढ़े नक्सलियों को इसकी सूचना मिल गई थी।
उन्होंने पिड़मेल के जंगल व पहाड़ के बीच यू आकार का घात लगाया था। जैसे ही फोर्स पिड़मेल पहुंची नक्सलियों ने पहाड़ी की ओर से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। ऊपर से हो रही गोलीबारी से जवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। घटना के बाद नक्सली एक यूबीजीएल अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर समेत तीन हथियार लूटने में सफल रहे। वहीं चार एके 47 शव लेने गई फोर्स ने बरामद किया।
हमेशा की तरह नक्सलियों ने पुलिस को जाल में फंसाने के लिए यह खबर भिजवाई कि पिड़मेल में नक्सलियों की मौजूदगी है। घटना स्थल से तीन किमी दूरी पर सीआरपीएफ कैम्प है लेकिन जवानों को उनसे किसी प्रकार की मदद नहीं मिल सकी।
उल्लेखनीय है कि घटनास्थल के आसपास चिंतागुफा, गोरगुड़ा, कांकेरलंका तथा पुसवाड़ा के मध्य सुरक्षा बलों का चार कैम्प है। यहां से फौरी तौर पर यदि सर्पोटिंग पार्टी मौके पर पहुंच जाती तो नुकसान कम हो सकता था।