कोलकाता, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पंचायत उपचुनाव में ढेर सारी सीटें जीत कर अपना अपराजेय प्रदर्शन जारी रखे हुए है। जबकि विपक्षी वाम मोर्चा ने सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद में चकित करने वाली जीत दर्ज कराई है।
बुधवार को हुई मतगणना में तृणमूल का सबसे शानदार प्रदर्शन मुर्शिदाबाद जिले में सामने आया। इस जिले को कांग्रेस और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का गढ़ माना जाता है।
कांग्रेस और वाम मोर्चा के बाद जिले में लंबे समय से तीसरे स्थान पर रही तृणमूल ने अपने विरोधियों के वोटबैंक में सेंध लगाते हुए 26 ग्राम पंचायत सीटों में से 12 सीटें जीत ली। कांग्रेस आठ सीटों पर सिमट गई, जबकि माकपा मात्र चार सीटों पर जीत दर्ज करा पाई। निर्दलीयों के खाते में दो सीटें गईं।
तृणमूल ने पंचायत समिति में अपनी स्थिति बरकरार रखी। आठ सीटों में से तृणमूल ने चार सीटें जीत ली, जबकि कांग्रेस के खाते में तीन सीटें गईं।
तृणमूल ने पुरुलिया, पश्चिम मिदनापुर, पूर्वी मिदनापुर, बाकुड़ा, नादिया, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों में भी अधिकांश सीटें जीत ली। जलपाईगुड़ी और उत्तर 24 परगना जिलों में कांटे की टक्कर रही।
वर्ष 2008 से ही राज्य में लगातार अपना आधार खो रहे वाम मोर्चा के लिए उत्तरी बंगाल से अच्छी खबर आई। मोर्चा ने सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद पर कब्जा कर लिया।
सिलीगुड़ी नगर निगम में जीत दर्ज कराने के महीनों बाद वाम मोर्चा ने सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद की नौ में से छह सीटें जीत ली। बाकी तीन सीटें तृणमूल के खाते में गई।
माकपा ने दो पंचायत समितियों पर कब्जा किया, जबकि दो पंचायत समितियों में त्रिशंकु स्थिति बनी है।
ग्राम पंचायत की 462 सीटों में से 173 माकपा के खाते में गई हैं, जबकि 156 पर तृणमूल ने कब्जा किया है।
कांग्रेस को 61 और भाजपा को 22 सीटें मिली हैं।
वाम मोर्चा में शामिल भाकपा, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक ने क्रमश: दो, चार और आठ सीटें जीती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक सीट मिली है, जबकि निर्दलीयों ने 34 सीटों पर जीत दर्ज कराई है।
एक सीट पर कोई उम्मीदवार विजयी नहीं हो सका।
पंचायत उपचुनाव के लिए मतदान तीन अक्टूबर को हुआ था।