उन्हांेने कहा कि ऐसे आयोजन गैर-कानूनी हैं, जिसके संबंध में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए और इसका उल्लंघन करने वालों पर पुलिस को सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
मायावती ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि इस प्रकार के अति-संवेदनशील मामलों में केंद्र की भाजपा सरकार से कोई कार्रवाई करने की उम्मीद तो नहीं ही की जा सकती है, लेकिन खासकर सपा सरकार उत्तर प्रदेश में बजरंग दल के लोगों को इस प्रकार के ‘शस्त्र ट्रेनिंग कैंप’ आयोजित करने देगी ऐसी उम्मीद भी लोगों ने नहीं की होगी।
मायावती ने कहा कि जबकि सपा सरकार को यह चाहिए था कि वह बजरंग दल द्वारा आयोजित किए गए ‘शस्त्र ट्रेनिंग कैंपों’ पर बिना कोई देरी किए हुए प्रतिबंध लगाती, साथ ही इसका आयोजन करने वाले मुख्य लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी, जो अभी तक भी नहीं की गई है।
मायावती ने कहा कि सरकार को अपने खुफिया तंत्र एवं पुलिस व प्रशासन को भी चुस्त व दुरुस्त करना चाहिए, ताकि इस किस्म के गलत कामों को आगे न बढ़ाया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक द्वारा दिया गया बयान अति-चिंताजनक है। इस संबंध में राज्यपाल को संविधान की मर्यादा के दायरे में रहकर काम करना चाहिए।
बसपा मुखिया ने कहा कि ध्यान देने की असली बात यह है कि समाज के हर वर्ग को या फिर व्यवस्था से दु:खी व पीड़ितों को अपनी-अपनी सोच को लेकर अगर खुले आम शस्त्र की ट्रेनिंग लेने और देने की इजाजत दी जाएगी, तो फिर समाज और देश का क्या होगा?