नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर विपक्ष के विचारों को समाहित करने को लेकर जिद्दी रुख अख्तियार कर लिया है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयक अटके पड़े हैं। कांग्रेस व कुछ अन्य पार्टियों ने जीएसटी विधेयक के कुछ प्रावधानों पर जरूरी व महत्वपूर्ण कारणों के आधार पर आपत्ति जताई है।”
चिदंबरम ने कहा, “सरकार अभी तक विपक्ष के विचारों को विधेयक में समाहित करने व जीएसटी विधेयक को पारित करने में सक्षम नहीं हो पाई है। दुर्भाग्य से अड़ियल रवैये के लिए सरकार खुद जिम्मेदार है।”
उन्होंने यहां तक कह दिया कि केंद्र सरकार अपने तमाम वादे पूरे करने में नाकाम रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “सरकार ने विश्वास के साथ अनुमान जाहिर किया था कि साल 2015-16 के दौरान आर्थिक विकास दर 8.1-8.5 रहेगी। सरकार के कई वादे -अधिक रोजगार, ज्यादा निवेश एवं तीव्र बुनियादी ढाचा विकास- जीडीपी(सकल घरेलू उत्पाद) की उच्च विकास दर पर निर्भर थे।”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से कोई भी वादा पूरा होता नहीं दिख रहा। इसके विपरीत साल 2015 बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के साथ समाप्त हो गया।”
चिदंबरम ने कहा, “वर्ष 2015-16 की पूरी अवधि के दौरान, जीडीपी के 7-7.3 से अधिक रहने की संभावना नहीं है, जिसका मतलब यह है कि यह साल 2014-15 के जीडीपी के बराबर या उससे कम रहेगा। अर्थव्यवस्था एक गहरी खाई में अटक गई है।”