‘बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड’ का कहना है कि उसने पहले से ही जीका टीका के लिए पेटेंट दाखिल कर दिया है।
दवा कंपनी के प्रमुख डॉ. कृष्णा एल्ला ने यहां संवादताताओं को बताया, “जीका पर, हम विश्व की पहली ऐसी दवा कंपनी है, जिसने नौ महीने पहले ही इसके टीके के लिए पेटेंट आवेदन कर दिया है।”
कंपनी ने अपने वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए टीके के मनुष्य और जानवर पर परीक्षण के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सोमवार को घोषणा किए जाने के एक दिन बाद भारतीय कंपनी ने यह दावा किया है।
डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को जीका वायरस को विश्व स्वास्थ्य के लिए एक खतरा बताया था और कहा था इससे पूरी दुनिया को एकजुट होकर लड़ना होगा।
इस वायरस के संक्रमण से गर्भ में पल रहे शिशु को माइक्रोसेफेली नामक रोग होता है, जिसमें उसके मस्तिष्क का विकास नहीं हो पाता है।
यूनिसेफ के अनुसार, ब्राजील में 22 अक्टूबर, 2015 से 26 जनवरी, 2016 के बीच नवजात बच्चों में माइक्रोसेफेली के 4,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि वर्ष 2014 में पूरी दुनिया में इसके महज 147 मामले देखने को मिले थे। हालांकि, भारत में जीका वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।