दोहा, 5 जून (आईएएनएस)। भारत और कतर ने रविवार को वैश्विक आतंकवाद की समस्या से मुकाबला करने के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने का फैसला किया है, जिसमें विदेशी आतंकवादियों की आवाजाही रोकना, आतंकवादी ढांचे को तोड़ना और इंटरनेट के जरिए आतंकवादी दुष्प्रचार को खत्म करने जैसे उपाय शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यहां हुई कई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, “दोनों पक्षों ने माना है कि वैश्विक आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक योजना अपनाया जाना चाहिए, जिसमें अन्य उपायों के अलावा अति चरमपंथ से मुकाबला करना, कट्टरता खत्म करना, आतंकवादियों की आवाजाही रोकना, आतंकवादियों के सभी वित्तीय स्रोतों को रोकना, विदेशी आतंकवादी लड़ाकों को रोकना, आतंकी ढांचों को तोड़ना और इंटरनेट के जरिए आतंकवादियों के दुष्प्रचार को खत्म करना शामिल है।”
मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के आमंत्रण पर कतर की यात्रा की और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, जिनमें अमीर और कतर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन नासेर बिन खलीफा अल-थानी भी शामिल हैं।
बयान में कहा गया है, “दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की, जिसमें आतंकवाद, कट्टरता और सामाजिक समरसता बिगाड़ने के लिए इंटरनेट के उपयोग को रोकना भी शामिल है।”
दोनों पक्षों के नेताओं ने दोनों तरफ के विद्वानों की वार्ता और शांति, सहिष्णुता, समावेशीकरण तथा कल्याण जैसे मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सम्मेलनों के आयोजन का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने आतंकवाद निरोधी अभियानों, खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम तरीकों और प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने और कानून लागू करने में सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई।
बयान के मुताबिक, कतर ने मेक इन इंडिया पहल के तहत उपलब्ध अवसरों के तहत भारत में रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास में रुचि जाहिर की।
मोदी और कतर के अमीर दोनों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में इस बात को रेखांकित किया कि आतंकवाद को रोकने के लिए वैश्विक समुदाय के सम्मिलित प्रयास की जरूरत है।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में नियमित रूप से भाग लेने को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई।
संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने अपने यहां की कंपनियों के एक-दूसरे देशों में उपस्थिति पर संतोष जताया और ऐसी सहभागिता को और बढ़ाने पर सहमति जताई।