वाशिंगटन, 7 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मंगलवार को होने वाली मुलाकात से पहले व्हाइट हाउस ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भारत की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने सोमवार को कहा कि मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के मुद्दे पर भारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।
मोदी और ओबामा की मुलाकात से पहले अर्नेस्ट ने कहा, “निश्चित तौर पर यह वैसे हालात हैं, जहां मोदी ने अपने नेतृत्व को साबित किया है। उन्होंने भारत के लिए ऐसे मानदंड के प्रति बचनबद्धता दिखाई है, जो भारतीयों तथा दुनिया के बाकी लोगों के लिए अच्छा होगा।”
अर्नेस्ट ने कहा कि पेरिस में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रतिबद्धता जताने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को ओबामा ने स्वीकार किया है।
मोदी ने मुद्दे से जिस तरीके से निपटा, उसके प्रति अमेरिका के राष्ट्रपति के दिल में बेहद आदर है और दोनों नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि अमेरिका और भारत जलवायु एजेंडे के लिए और क्या कर सकते हैं।
अर्नेस्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी और ओबामा अमेरिका तथा भारत के बीच आर्थिक संबंधों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा, “अमेरिका तथा भारत के बीच आर्थिक संबंध महत्वपूर्ण हैं और यह ऐसा संबंध है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को फायदा होता है।”
अर्नेस्ट ने कहा, “हमने हाल के वर्षो में देखा है कि अमेरिका तथा भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के बीच समन्वय में काफी इजाफा हुआ है। राष्ट्रपति संबंधों को गहरा व मजबूत करने के प्रयासों के प्रति निश्चित तौर पर दिलचस्पी रखते हैं, क्योंकि यह हमारे दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा में इजाफा करेगा।”
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या ओबामा भारतीय नेताओं पर समझौते को मंजूर करने को लेकर दबाव डालने के लिए कड़ी मेहनत करने जा रहे हैं, अर्नेस्ट ने कहा, “मैं नहीं जानता कि राष्ट्रपति कोई विशेष अनुरोध करेंगे या नहीं।”
उन्होंने कहा कि समझौते को अंजाम तक पहुंचाकर भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अमेरिका उम्मीद करता है कि नई दिल्ली दिसंबर 2015 में हुए समझौते के बाद भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में महत्वपूर्ण भूमिका जारी रखेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत ने मार्च 2022 तक एक बेहद महत्वाकांक्षी 175 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा की प्राप्ति का लक्ष्य रखा है।