नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। संसद के दोनों सदनों में गतिरोध को लेकर विपक्षी दलों और सत्ता पक्ष में तीखी नोकझोंक के बाद सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद उप-सभापति पी.जे. कुरियन ने कार्यवाही आगे बढ़ाने की अनुमति दी और उसके बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बात रखने की इजाजत दी।
आजाद ने सरकार पर पिछले तीन सप्ताहों के दौरान संसद के गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई कोशिश न करने का आरोप लगाया।
आजाद ने कहा, “सदन के बाहर यह धारणा बन रही है कि सरकार जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए विपक्षी सदस्यों से बात कर रही है, जो सही नहीं है।”
उन्होंने कहा, “सरकार से कोई भी गतिरोध को खत्म करने के लिए किसी भी कांग्रेस नेता से आकर नहीं मिला। हमें सरकार की ओर से फोन भी आया था। वह फोन भी लोकसभा से 25 कांग्रेस सांसदों के निलंबन को लेकर आया था। यह संसद में गतिरोध के मुद्दे पर नहीं आया था।”
आजाद ने राज्यों से जुड़े निर्णय लेने से पूर्व संबंधित राज्यों को विश्वास में न लेने के मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा की।
आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार सहकारी संघवाद का मजाक उड़ा रही है।
विपक्षी सदस्यों के आरोपों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज किया।
जेटली के बोलने के लिए खड़े होते ही कांग्रेस सदस्य सदन में बीचोबीच इकट्ठा हो गए और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
हंगामे और शोरशराबे के बीच जेटली ने कहा, “मैं विपक्ष के नेता द्वारा लगाए गए आरोपों का पुरजोर खंडन करता हूं। हमने कई दफा गतिरोध खत्म करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने फैसला कर लिया है कि वह सदन की कार्यवाही नहीं चलने देगी।”
विपक्षी सदस्यों और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस के दौरान आंध्र प्रदेश से कांग्रेस नेता जे. सलीम सदन के बीचोबीच आ गए और जेटली के सामने खड़े हो गए।
हंगामे के बीच उप-सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो कांग्रेस सदस्यों ने एक बार फिर सभापति की आसंदी के पास जमघट लगा लिया।
इसे देखते हुए सभापति एम. हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।