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 समी के लिए यह विश्व कप किसी परी कथा की तरह | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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समी के लिए यह विश्व कप किसी परी कथा की तरह

कोलकाता, 16 मार्च (आईएएनएस)। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में चल रहे आईसीसी विश्व कप-2015 में गेंद से जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद समी के लिए उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव सहसपुर से निकलकर कोलकाता के एक क्रिकेट क्लब से जुड़ना अहम फैसला साबित हुआ।

कोलकाता, 16 मार्च (आईएएनएस)। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में चल रहे आईसीसी विश्व कप-2015 में गेंद से जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद समी के लिए उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव सहसपुर से निकलकर कोलकाता के एक क्रिकेट क्लब से जुड़ना अहम फैसला साबित हुआ।

विश्व कप-2015 में समी भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बन कर उभरे हैं तथा उनके लिए यह विश्व कप किसी स्वप्न सरीखा साबित हुआ है।

विश्व कप के पूल मैचों में 15 विकेट हासिल कर चुके समी फिलहाल सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। उनके आगे केवल आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क (16 विकेट) हैं।

इसी विश्व कप के दौरान नौ मार्च को जीवन के 25 वर्ष पूरे करने वाले समी ने अपनी अनुशासित गेंदबाजी की बदौलत न केवल प्रशंसकों तथा आलोचकों का दिल जीता बल्कि उस खोज को भी खत्म किया जब भारतीय टीम को भुवनेश्वर कुमार के अस्वस्थ होने के बाद एक ऐसे गेंदबाज की जरूरत थी जो तेज आक्रमण की अगुवाई कर सके।

समी इस टूर्नामेंट में खेले पांच मैचों में 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज गति वाली गेंदों, बेहतर उछाल, और सटीक गेंदबाजी से अपनी क्षमता का लोहा मनवाने में कामयाब रहे हैं।

समी ने इस टूर्नामेंट में एक मैच संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ घुटने में चोट के कारण नहीं खेला लेकिन बाकी मैचों में उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा।

पकिस्तान के साथ पहले मैच में समी ने 35 रन देकर चार विकेट चटकाए और फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी दो विकेट झटकने में कामयाब रहे।

चोट के कारण वह तीसरा मैच नहीं खेल सके लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के चौथे मैच में उन्होंने एक बार फिर धमाकेदार वापसी की और क्रिस गेल, ड्वायन स्मिथ तथा डारेन सैमी के विकेट चटकाए।

आयरलैंड के खिलाफ भी समी को तीन सफलता मिली। समी विकेट निकालने से साथ-साथ अब तक पूरे टूर्नामेंट में बेहद किफायती भी साबित हुए हैं और केवल 4.376 की औसत से रन दिए हैं।

समी ने इस विश्व कप में अपनी सफलता का श्रेय तीन लोगों को दिया है जिसमें पाकिस्तानी के दो पूर्व दिग्गज गेंदबाज शामिल हैं।

शोएब अख्तर ने जहां समी को अपना रनअप थोड़ा और छोटा करने की सलाह दी है वहीं, वसीम अकरम ने समी को अपनी गति से किसी प्रकार की कमी नहीं लाने को कहा है।

समी ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अपनी सफलता से ठीक पहले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को भी अपनी सफलता का श्रेय दिया है। समी के अनुसार धौनी का कप्तान के तौर पर शांत रवैया और हमेशा सलाह देते रहना उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ।

आज समी भले ही आसमान की ऊंचाइयों पर नजर आ रहे हों लेकिन उनकी शुरुआत बेशक इतनी आसान नहीं रही थी।

कोलकाता आने के बाद समी को कई रातें क्लब के शिविर में गुजारनी पड़ी थीं। अपने शुरुआती दिनों में वह एक मैच से महज 500 रुपये कमा पाते। परिवार से दूर रहने और अकेलेपन के अहसास ने समी को समय बिताने के लिए ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया।

वह अभ्यास और मेहनत आज रंग ला रही है। भारतीय टीम इस बार अगर विश्व चैम्पियन बनती है तो इस अभियान में निश्चित ही उनकी भूमिका अहम होगी।

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