नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में क्या कोई साइकिल रैली बिना बोतलों के हो सकती है? अब तक इसका जवाब नहीं में आता लेकिन अब भारत में एक साइकिल रैली को बिना बोतलों के सम्पन्न कराने का रास्ता खुल चुका है। ‘पर्सनल वॉटर फिल्टर’ बनाने वाली कम्पनी-‘लाइफस्ट्रॉ’ ने अपने बहु-उपयोगी उत्पादों की मदद से हीरो एमटीबी हिमालय शिमला रैली को अब पर्यावरण के और करीब ला दिया है।
शिमला में 14 से 16 अप्रैल तक आयोजित होने वाली पांचवीं हीरो एमटीबी शिमला माउंटेन बाइक रैली में इस साल चालक क्रांतिकारी-लाइफस्ट्रॉ बोतलों का उपयोग करेंगे। यह ऐसा उत्पाद है, जिसके माध्यम से प्रतिभागी सीधे नदियों, झरनों और पानी के अन्य स्रोतों से अपनी प्यास बुझा सकते हैं। उन्हें बातलो में अपने साथ साफ पानी लेकर चलने की जरूरत नहीं।
टाइम पत्रिका द्वारा साल 2005 का ‘बेस्ट इनोवेशन ऑफ द इअर’ करार दिए गए लाइफस्ट्रॉ पोर्टेबल वॉटर फिल्टर का उपयोग ऐसे हालात में किया जा सकता है, जब आप साफ पानी से दूर हों। ऐसे में आपको बस पानी के किसी भी स्रोत में इस पोर्टेबल वॉटर फिल्टर को डालने से साफ पानी मिल जाएगा। आप इसे बेझिझक पी सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह सुरक्षित है।
लाइफस्ट्रॉ ने हाइकर्स, कैम्पर्स, एथलीटों,बाइकर्स, आम लोगों और प्राकृतिक त्रासदियों से बेघर हुए लोगों के लिए अपने तीन प्रकार के उत्पाद बाजार में उतारे हैं। पहला उत्पाद-लाइफस्ट्रॉ पर्सनल है, दो एक हल्का वॉटर फिल्टर है। यह हाइकर्स और कैम्पर्स के लिए सबसे उपयुक्त है।
लाइफस्ट्रॉ गो इस कम्पनी के दूसरे प्रॉ़डक्ट का नाम है। यह ऐसा फिल्टर वॉटर बॉटल है, जिसे एथलीटों और आम लोगों के उपयोग के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है। यह काफी हल्का है और इसे अपने साथ आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है।
लाइफस्ट्रॉ स्टील इस कम्पनी का तीसरा उत्पाद है, जो टू-स्टेज फिल्टर है। यह स्टील से बना है और काफी समय तक काम करेगा। इसका खास गुण यह है कि यह बैक्टीरिया के साथ-साथ प्रोटोजोवा को भी पानी से दूर करेगा और इसे पूरी तरह पीने युक्त बनाएगा।
लाइफस्ट्रॉ पांचवीं हीरो एमटीबी शिमला बाइक रैली का हाइड्रेशन पार्टनर है। इसके माध्यम से इस साल शिमला बाइक रैली एक नए आयाम को प्राप्त करेगी। चालकों को नियमित बोतलों से छुटकारा मिलेगा और पानी खत्म होने की परेशानी और पानी के बोतल को साफ पानी से भरने के झंझट से निजात मिलेगी।
साथ ही साथ लाइफस्ट्रॉ इस रैली को पर्यावरण के और करीब लाएगी क्योंकि हिमाचल जैसे सुंदर प्रदेश को सबसे अधिक खतरा प्लास्टिक कचरे से है। हिमाचल में प्लास्टिक के चलन पर प्रतिबंध है। रैली चालक इसका पालन करते हैं लेकिन पर्यटक आमतौर पर इस प्रतिबंध का पूरी तरह पालन नहीं करते।