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 छत्तीसगढ़ : पर्यावरण बचाने को ‘वृक्ष मंदिर परिसर’ बना | dharmpath.com

Tuesday , 10 June 2025

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छत्तीसगढ़ : पर्यावरण बचाने को ‘वृक्ष मंदिर परिसर’ बना

रायपुर, 9 जुलाई (आईएएनएस/वीएनएस)। एक तरफ जहां पूरे देश में वृक्षों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अमेरी के ग्रामीणों ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने की एक अनोखी पहल की है। यहां स्थानीय लोगों ने ‘वृक्ष मंदिर परिसर’ की परिकल्पना की और उसे साकार भी कर दिखाया।

रायपुर, 9 जुलाई (आईएएनएस/वीएनएस)। एक तरफ जहां पूरे देश में वृक्षों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अमेरी के ग्रामीणों ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने की एक अनोखी पहल की है। यहां स्थानीय लोगों ने ‘वृक्ष मंदिर परिसर’ की परिकल्पना की और उसे साकार भी कर दिखाया।

मुख्यमंत्री ‘जनदर्शन’ में डॉ. रमन सिंह से गुरुवार को पर्यावरण मंदिर सेवा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने इस पर्यावरण मंदिर के लिए पांच वृक्ष दान करने का अनुरोध किया, लेकिन डॉ. रमन सिंह ग्राम अमेरी के ग्रामीणों के इस रचनात्मक कार्य से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने समिति को तत्काल दो हजार वृक्ष देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने दुर्ग के कलेक्टर को यह निर्देश भी जारी किया कि पर्यावरण मंदिर की सुरक्षा के लिए फेंसिंग लगवाने के साथ-साथ वहां विभिन्न प्रजातियों के दो हजार पौधे भी लगाएं जाएं। प्रतिनिधिमंडल में समिति के संस्थापक बाबा पंचराम ठाकुर, संचालक निर्मल धीवर, कोषाध्यक्ष विष्णु साहू और अन्य सदस्य शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि पर्यावरण मंदिर की यह परियोजना आध्यात्मिक नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समिति ने ग्रामीणों के सहयोग से वहां शिवलिंग के चारों ओर वटवृक्ष के पौधे लगाए हैं, हनुमान मंदिर के चारों तरफ पीपल और शीतला मंदिर की मूर्ति के चारों तरफ नीम के पौधे लगाए गए हैं। सभी वृक्षों को एक निश्चित क्रम में रखकर मंदिर बनाया गया है।

समिति की परिकल्पना है कि जब वृक्ष बढ़ेंगे और उनके तने मोटे होंगे तो वे एक दूसरे से सटकर दीवार का और ऊपर की टहनियां तथा पत्ते मंदिर की छत का काम करेंगे। वहां आम के भी पौधे लगाए गए हैं। लगभग बारह वर्ष पहले शुरू किया गया यह रचनात्मक प्रकल्प अब आकार ले चुका है।

समिति का 13वां वार्षिक समारोह 18 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर सभी सदस्य मिलकर पोधरोपण भी करेंगे।

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