नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार इस बात से सहमत है कि विश्वविद्यालयों में आजादी रहनी चाहिए। लेकिन उन्होंने सवाल किया कि गुंडागर्दी की निंदा कैसे की जा सकती जब देशद्रोह को आजाद बोल कहा जाएगा।
नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार इस बात से सहमत है कि विश्वविद्यालयों में आजादी रहनी चाहिए। लेकिन उन्होंने सवाल किया कि गुंडागर्दी की निंदा कैसे की जा सकती जब देशद्रोह को आजाद बोल कहा जाएगा।
उन्होंने कहा, “पटियाला हाउस अदालत में जो कुछ हुआ वह निंदनीय है। लेकिन बर्बरता निंदनीय है और देशद्रोह स्वतंत्र बोल? कोई भी इस विचार को सही नहीं कह सकता। कम से कम कांग्रेस पार्टी के सभी लोगों को इस विचारधारा को स्वीकार करना चाहिए।”
जेटली ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ( जेएनयू) और हैदराबाद विश्वविद्याय में अशांति पर संसद में जारी बहस में हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।
गुंडागर्दी से जेटली का अभिप्राय 15 फरवरी को पटियाला हाउस अदालत में कुछ छात्रों एवं मीडियाकर्मियों के साथ घटी घटनाओं से था जब जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया था।
जेटली ने कहा, “निश्चित रूप से गुंडागर्दी की निंदा की जानी चाहिए।”
मंत्री ने कहा, “हम सब जानते हैं कि अफजल गुरु ने किस चीज का प्रतिनिधित्व किया था.. वह मनुवाद, पूंजीवाद या ब्राह्मणवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहा था कि वे लोग मनुवाद और पूंजीवाद के खिलाफ उसकी मौत वाले दिन नारे लगाएंगे।”
जेटली नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में आयोजित कार्यक्रम के संदर्भ में बोल रहे थे जिसमें कथित रूप से राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए थे।
जेटली ने कहा कि भारतीय व्यवस्था अच्छी है और अभियुक्तों के साथ न्यायपूर्ण सुनवाई होगी।