दूसरी तरफ, 14 अक्टूबर, 2015 को कैलाश यादव की हत्या नंदगंज थाना क्षेत्र में हुई थी। नंदगंज क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली कि गांगी नदी की पुलिया पर चार बदमाश किसी संगीन घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इसकी सूचना मिलते ही नंदगंज पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने छापा मारकर बदमाशों को धर दबोचा।
पकड़े गए बदमाशों में सादात थाना क्षेत्र के ग्राम टाड़ा निवासी पन्ना उर्फ राजन चौधरी, शहर कोतवाली के जमलापुर निवासी उदल बिंद, तुलसीसागर निवासी हरेंद्र सिंह, करंडा थाना क्षेत्र के बासूचक गांव के पूर्व प्रधान मनोज सिंह शामिल हैं।
आरोपियों के पास से तीन तमंचे, दो बाइक व चार मोबाइल बरामद किया गया।
पुलिस अधीक्षक राम किशोर ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त हरेंद्र सिंह से पूछताछ में जानकारी मिली कि भतीजा मनोज सिंह की हत्या अमरनाथ यादव के इशारे पर की गई थी। इसका बदला लेने के लिए अरुण सिंह के कहने पर उसने पूर्व प्रधान मनोज सिंह, चंदन सिंह, कन्हैया सिंह से मिलकर अमरनाथ यादव की हत्या की योजना बनाई।
योजना के अनुसार, हरेंद्र ने वाराणसी पहड़िया पहुंचकर सुबह 10 बजे अमरनाथ की गोली मारकर हत्या कर दी।
दूसरा अभियुक्त पन्ना और राजन चौधरी ने बताया कि संतोष सिंह का कुछ वर्ष पूर्व कैलाश यादव से विवाद हुआ था, जिस पर दोनों मिलकर 14 अक्टूबर को कैलाश की गोली मारकर हत्या कर दी थी।