Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 नेपाल भूकंप : त्रासदी के बीच प्रकृति का उपहार भी | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » पर्यावरण » नेपाल भूकंप : त्रासदी के बीच प्रकृति का उपहार भी

नेपाल भूकंप : त्रासदी के बीच प्रकृति का उपहार भी

May 1, 2015 10:08 pm by: Category: पर्यावरण Comments Off on नेपाल भूकंप : त्रासदी के बीच प्रकृति का उपहार भी A+ / A-

PICT1361काठमांडू, 1 मई (आईएएनएस)| नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में जहां एक और व्यापक स्तर पर तबाही का मंजर देखने को मिला। वहीं, इससे देश को एक उपहार भी मिला है। भूकंप के बाद अचानक ही नेपाल में कई स्थानों पर भूमिगत जल स्रोत फिर से जाग्रत हो गए हैं और उनमें से पानी निकलना शुरू हो गया है। शुक्रवार को मीडिया रपटों से यह जानकारी मिली। समाचार पत्र ‘हिमालयन टाइम्स’ के मुताबिक, कई सालों बाद महादेवस्थान गांव और मातातीर्थ गांव में जल स्रोतों से पानी का सोता स्वत: ही शुरू हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, इन स्रोतों से पानी निकल रहा है और अब ग्रामीणों के पास पीने के लिए, सफाई के लिए, नहाने और खाना पकाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी है।

अधिकतर ग्रामीणों का कहना है कि नवनिर्मित घरों की वजह से अवरुद्ध हो चुके जमीन के नीचे मौजूद पानी के स्रोत भूकंप की वजह से फिर से खुल गए हैं और अब लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति हो रहा है।

ठीक इसी तरह, महादेवस्थान के पास सुनधरा में भी जल स्रोत से पानी निकलने लगा है।

महादेवस्थान के एक निवासी ने कहा, “तीन से चार साल पहले ये परंपरागत स्रोत सूख गए थे। मुझे अभी भी याद है कि तीन साल पहले सुनधरा जलस्रोत से पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन यह अचानक सूख गया।”

इन प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त पानी को शुद्ध करने के लिए ग्रामीण फिल्टर का इस्तेमाल नहीं करते।

भूकंप और भूकंपीय झटकों के बाद खुले स्थानों पर रह रहे लोगों के लिए ये पानी के स्रोत एक वरदान की तरह हैं।

महादेवस्थान की निवासी रबिना मिश्रा (26) कहती हैं, “हमें इस संकट की घड़ी में पीने के पानी के लिए सरकारी टैंकरों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। हमें हमारे शिविरों के पास इन जल स्रोतों से बह रहे ताजा और स्वच्छ पानी की प्राप्ति हो रही है।”

नेपाल भूकंप : त्रासदी के बीच प्रकृति का उपहार भी Reviewed by on . काठमांडू, 1 मई (आईएएनएस)| नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में जहां एक और व्यापक स्तर पर तबाही का मंजर देखने को मिला। वहीं, इससे देश को एक उपहार भी मिल काठमांडू, 1 मई (आईएएनएस)| नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में जहां एक और व्यापक स्तर पर तबाही का मंजर देखने को मिला। वहीं, इससे देश को एक उपहार भी मिल Rating: 0
scroll to top