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 महिला सशक्तिकरण के लिए आइकिया की नई साझेदारी | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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महिला सशक्तिकरण के लिए आइकिया की नई साझेदारी

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाने और उन्हें देश की श्रमशक्ति में शामिल करने के उद्देश्य से आइकिया (आइकेईए) फाउंडेशन ने ‘बालिका दिवस’ के एक दिन बाद सोमवार को यहां एक नई साझेदारी की घोषणा की है।

संस्था की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इस साझेदारी में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), जाएन्टियो और भारत विकास प्रतिष्ठान शामिल हैं, जो मिलकर तीन वर्षीय कार्यक्रम का क्रियान्वयन करेंगे। इस कार्यक्रम को वित्त मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त है।

बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम के तहत देश में 10 लाख जरूरतमंद महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम के लिए लगभग 160 लाख यूरो बजट तय है। कार्यक्रम में कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर खास ध्यान दिया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम के तहत महिलाओं को कौशल एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा और महिलाओं की आकांक्षाओं एवं कारोबारी जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए जाएंगे।

आइकिया फाउंडेशन के सीईओ पेर हेगेन्स के मुताबिक, “महिलाएं अपने बच्चों की जिंदगी के साथ ही समाज में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। महिलाओं को सशक्त बनाकर बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य में सुधार लाया जा सकता है जो कि फलस्वरूप समाज को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।”

उल्लेखनीय है कि देश में 2005 से 2010 के बीच कामकाजी महिलाओं में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के हालिया अनुमान बताते हैं कि यदि महिला कर्मचारियों की संख्या पुरुषों के समान स्तर तक पहुंचाया जा सके तो भारत के सकल घरेलू उप्ताद को बढ़ाकर 27 प्रतिशत तक पहुंचाया जा सकता है।

यूएनडीपी द्वारा किए गए एक अध्ययन में भारत में महिलाओं के कौशल अंतर की समस्या दूर करने की जरूरत पर बल दिया गया है।

अध्ययन के अनुसार, 10 से 23 प्रतिशत महिलाओं के पास प्रोफेशनल डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट हैं। इसके अतिरिक्त, हैदराबाद में 45 प्रतिशत और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 70 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि कारोबार सफलतापूर्वक चलाने के लिए उनमें व्यवसायिक कौशल की कमी है।

अध्ययन में प्रशिक्षण और रोजगार अवसरों पर जानकारी के अभाव, प्रशिक्षण के खर्च, रोजगार अवसरों की उपलब्धता, कार्यस्थल आने-जाने में बाधाएं और काम के सख्त नियम जैसे अन्य अवरोधों की भी पहचान की गई है।

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