Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 सिक्ल सेल एनीमिया से प्रभावित होती है जनन क्षमता | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » विज्ञान » सिक्ल सेल एनीमिया से प्रभावित होती है जनन क्षमता

सिक्ल सेल एनीमिया से प्रभावित होती है जनन क्षमता

June 19, 2015 7:10 pm by: Category: विज्ञान Comments Off on सिक्ल सेल एनीमिया से प्रभावित होती है जनन क्षमता A+ / A-

thalassemiaनई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) के मुताबिक, पूरे विश्व की जनसंख्या का पांच प्रतिशत हिस्सा हेमोग्लोबिन अनियमितता संबंधी रोगों, जैसे-सिक्ल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया की चपेट में है। सिक्ल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी की वजह से शरीर में स्वस्थ लाल रक्तकणों की बेहद कमी हो जाती है। यह लाल रक्तकण ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सिक्ल सेल एनीमिया के कारण शरीर के भीतरी अंगों में ऑक्सीजन की कमी से मरीज को गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन, नारकोसिस और क्रॉनिक पेन सिंड्रोम हो सकता है। इस रोग से न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है, बल्कि यह जनन क्षमता पर भी प्रभाव डालता है।

नई दिल्ली के पटेलनगर स्थित एडवांस फर्टीलिटी एंड गायनिकॉलोजिकल सेंटर की क्लिनिकल डायरेक्टर और आईवीएफ एंड इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. कावेरी बनर्जी ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लाल रक्तकण लचकीले और गोल होते हैं तथा यह लहू धमनियों में बहुत आसानी से चलते हैं।

उन्होंने बताया कि सिक्ल सेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में यह कण सख्त, चिपचिपे और हंसिया, दरांती या नवचंद्र के आकार के होते हैं। यह अनियमित आकार के रक्तकण लहू की धमनियों में फंस सकते हैं, जिससे लहू और ऑक्सीजन का बहाव कम हो सकता है या रुक सकता है। इससे कई तरीकों से जनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।

इस रोग से संबंधित शोध में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है। वैसे, यह समस्या दोनों में ही बराबर पाई जाती है। सिक्ल सेल ऐनीमिया से पौरुष शक्ति का विकास देर से होता है। यौन परिवक्वता औसतन डेढ़ से दो साल की देरी से आती है, जबकि आम युवा प्रकृतिक रूप से विकसित होते हैं।

डॉ. कावेरी के अनुसार, सिक्ल सेल ऐनीमिया से पीड़ित पुरुषों में टेस्टोस्टरॉन के स्तर को बढ़ाने के लिए जिंक स्पलीमेनटेशन मददगार साबित होता है। टेस्टोस्टरॉन एनडैकनोएट इंजेक्शन और क्लोमीफीन पुरुषों में यौन इच्छा बढ़ाने और मर्दाना कमजोरी का इलाज करने में कारगर पाया गया है।

उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के इलाज में हायड्रोजीयोरिया थेरेपी को प्राथमिकता दी जाने लगी है। इस बीमारी में यह बात खास ध्यान देने वाली है कि महिलाओं में फर्टीलिटी प्रिसजर्वेशन बहुत अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि उन्हें गर्भधारण से जुड़ी हुई मुश्किलें भी आ सकती हैं और अनियमित जनन का खतरा भी हो सकता है।

डॉक्टर ने बताया किप्रिइम्पलांटेशन जेनेटिक डॉयग्नोसिस जेनेटिक्ल स्तर पर ठीक तरीके से बच्चा पैदा करने में काफी मददगार साबित हो सकता है।

उन्होंने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित 24 प्रतिशत पुरुषों के अंडकोश काफी छोटे आकार के होते हैं और उनमें टेस्टॉस्टरॉन की सघनता काफी कम होती है। सिक्ल सेल ऐनीमिया से पीड़ित पुरुषों की वीर्य जांच में 90 प्रतिशत मरीजों में यह अनियमितता पाई गई है। इसमें शुक्राणु की सघनता या संख्या में कमी, सक्रियता में कमी और असमान्य आकार जैसी समस्याएं शामिल होती हैं।

डॉ. कावेरी ने बताया कि इस रोग के कारण महिलाओं में कौमार्य और यौन परिपक्वता में देरी से गर्भधारण में देरी हो सकती है। युवतियों में पहली महावारी देरी से आती है और जब यह ब्लीडिंग के रूप में होने लगती है तो यह आम तरीके से होने लगती है। इसमें चिंता की एक ही बात होती है कि महावारी में सिक्लिंग का दर्द भी शामिल हो जाता है। डीपो मेडरॉक्सीप्रोगैस्टरॉन एसिटेट डीएमपीए इंजेक्शन या प्रॉगेस्टरॉन-ओनली गोली से इस पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है।

इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में अनचाहे गर्भधारण से बचने का तनाव बना रहता है। इसलिए अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए बैरियर या डीपो प्रोगैस्टरॉन गोली की सलाह दी जाती है। यह मेडिकल पेशेवरों का फर्ज है कि वह सिक्ल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों से विचार-विमर्श करें, ताकि स्वस्थ संतान पैदा हो सके।

कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित डॉ. कावेरी बनर्जी से मिलने के लिए पारोमिता सरकार से मोबाइल नंबर 9650431542 या नैना अग्रवाल से 9582363695 से संपर्क किया जा सकता है।

सिक्ल सेल एनीमिया से प्रभावित होती है जनन क्षमता Reviewed by on . नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) के मुताबिक, पूरे विश्व की जनसंख्या का पांच प्रतिशत हिस्सा हेमोग्लोबिन अनियमितता संबंधी रोगों, जैस नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) के मुताबिक, पूरे विश्व की जनसंख्या का पांच प्रतिशत हिस्सा हेमोग्लोबिन अनियमितता संबंधी रोगों, जैस Rating: 0
scroll to top