पणजी, 7 जून (आईएएनएस)। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रवि नाईक ने मांग की है कि नाइजीरियाई लोगों के भारत में प्रवेश पर केंद्र सरकार को रोक लगा देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को नाइजीरियाई पर्यटकों की जरूरत नहीं है।
नाइजीरियाई लोगों के लिए अपमानजनक शब्द ‘हब्शी’ का प्रयोग करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि नाइजीरियाई लोग न केवल गोवा, बल्कि देश के अन्य महानगरों में भी समस्याएं पैदा कर रहे हैं।
नाईक ने कहा, “केंद्र सरकार को नाइजीरियाई लोगों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। उनकी जांच होनी चाहिए। यह जांच की जानी चाहिए कि वे लोग यहां पढ़ने या पिकनिक मनाने या ड्रग बेचने के लिए हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “नाइजीरियाई लोग यहां आते हैं और दिल्ली, बेंगलुरू और पूरे देश में दादागिरी करते हैं। हमलोगों को चाहिए कि नाइजीरियाई लोगों को यहां से बाहर खदेड़ दें। क्या ये लोग यहां पढ़ने आए हैं? क्या वे लोग लोग सही में पढ़ाई कर रहे हैं? क्या वे लोग सही में स्कूल, कॉलेज जा रहे हैं? क्या वे फर्जी स्कूल या फर्जी टाइपिंग स्कूल में जाते हैं? इन बातों की जांच होनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने ने कहा कि अतीत में आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के साथ भी बेंगलुरू में नाइजीरियाई लोगों की लड़ाई हुई थी।
नाईक ने मांग की कि विद्यार्थियों के वेश में रह रहे नाइजीरियाई लोगों की गतिविधियों की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “वे लोग हर जगह समस्याएं उत्पन्न करते हैं। हमें नाइजीरियाई पर्यटक नहीं चाहिए।”
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर के नाइजीरियाई लोगों के खिलाफ बयान के कुछ दिनों बाद नाइक की टिप्पणी आई है।
पारसेकर ने गत 30 मई को कहा था कि इस तटीय राज्य में रह रहे नाइजीरियाई लोगों की मनोवृत्ति और जीवन शैली से गोवा के लोग नाराज हैं।
ठीक उसी दिन गोवा के पर्यटन मंत्री दिलीप पारुलेकर न भी कहा था कि नाइजीरियाई लोग गोवा में समस्या उत्पन्न कर रहे हैं और ड्रग बेचते हैं।
उल्लेखनीय है 2014 में गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अफ्रीकी लोगों को ‘हब्शी’ कहा था। इसको लेकर होहल्ला मचने पर अपनी गलती के लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।