मथुरा/नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मथुरा में गुरुवार शाम हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इसमें 22 उपद्रवी और दो पुलिसकर्मी हैं।
मथुरा/नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मथुरा में गुरुवार शाम हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इसमें 22 उपद्रवी और दो पुलिसकर्मी हैं।
हिंसा की इस घटना पर विपक्षी दलों, खासतौर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा और राज्य में प्रशासन व कानून-व्यवस्था की पूर्ण विफलता का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव ने हिंसा की आयुक्त स्तर की एक जांच कराने का आदेश दिया, जबकि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस घटना पर एक रपट मांगी है।
इस घटना के सिलसिले में 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, “यह एक गंभीर मामला है और आयुक्त स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।”
अखिलेश ने यह स्वीकार किया कि इस मामले से निपटने में चूक हुई है।
उन्होंने कहा, “अतिक्रमणकारियों के साथ चर्चा की कई कोशिशें की गईं, चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने जमीन खाली नहीं की। इसमें एक चूक भी हुई है। गलती यह हुई कि पुलिस तैयारी के बगैर चली गई। किसी को पता नहीं था कि अंदर कितने विस्फोटक थे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या यह खुफिया चूक थी, उन्होंने कहा, “यह खुफिया चूक नहीं थी.. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वहां कितने हथियार, गोला-बारूद थे।”
मुख्यमंत्री ने हिंसा में मारे गए दोनों पुलिस अधिकारियों के परिजनों को प्रत्येक को 20-20 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मथुरा में स्थिति की समीक्षा की और राज्य सरकार को हर तरह की मदद का आश्वासन दिया।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से चूक हुई है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न होने पाएं।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार से घटना पर रपट का इंतजार कर रही है।
राज्यपाल राम नाईक ने भी घटना के बारे में एक विस्तृत रपट मांगी है।
सत्ताधारी सपा की आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने अखिलेश सरकार से इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने घटना की समयबद्ध न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि आयुक्त स्तर की जांच सिर्फ एक खानपूर्ति ही होगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलिस अधिकारियों और अन्य की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि घटना इस बात को याद दिलाती है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है।
भाजपा ने घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला किया।
भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा ने कहा, “उत्तर प्रदेश में प्रशासन और कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। मथुरा कोई छोटा शहर नहीं है। यह इस इलाके का एक केंद्र है और यहां इस तरह गोला-बारूद और हथियार जमा किए गए थे। स्थानीय प्रशासन इससे अनजान कैसे रहा?”
भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर मथुरा पहुंचे और उन्होंने आईएएनएस से कहा, “समाजवादी पार्टी के गुंडों ने जवाहरबाग इलाके में करीब तीन साल पहले कब्जा किया था और पुलिस को कार्रवाई की आजादी नहीं दी गई। यह सरासर लापरवाही का मामला है।”
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।”
अभिनय से राजनीति में आईं, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने भी घटना की सीबीआई जांच की वकालत की।
गुरुवार शाम अतिक्रमणकारियों ने पुलिस के एक दल पर उस समय हमला कर दिया, जब वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर मथुरा के जवाहरबाग इलाके को शांतिपूर्ण तरीके से खाली कराने गए थे।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावेद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि इस हमले में 24 लोगों की मौत हो चुकी है और 23 पुलिसकर्मी घायल हैं, जिसमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
अहमद ने संवाददाताओं को बताया, “अभी तक 22 उपद्रवियों की मौत हो गई है। इनमें एक महिला भी शामिल है। इनमें से 11 की मौत जलने से हुई है, जबकि बाकियों ने घायल होने के बाद दम तोड़ दिया।”
अहमद ने संवाददाताओं को बताया, “हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी संतोष यादव शहीद हो गए। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी के निर्वाह के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।”