मप्र में सत्ता और प्रशासनिक भ्रष्टाचार का नतीजा ,पेटलावद नरसंहार
सुबह-सवेरे खबर मिली की झाबुआ जिले के पेटलावद में विस्फोट हुआ ,खबर सुन इसकी भीषणता की कल्पना तक नहीं की थी किसी ने हम सब विश्व-हिंदी सम्मेलन के समापन के लिए तैयार थे लेकिन इसमें व् ...
Read More »चन्द राजनेताओं के लोभ ने विश्व हिंदी सम्मेलन को बना दिया 100 करोड़ की पिकनिक
अनिल सिंह(विश्व हिंदी सम्मेलन से) हिंदी का क्या होगा यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है लेकिन हो क्या रहा है यह दिख रहा है एवं जो हो रहा है उसे छिपाने और आयोजकों की दृष्टि से दिखाने ...
Read More »भारतीयता की प्रतिनिधि भाषा हिन्दी
ड़ा सौरभ मालवीय मोहनदास करमचंद गांधी यानि महात्मा गांधी सरीखा ठेठ पश्चिमी भारतीय और राजगोपालाचारी जैसा दक्षिण भारतीय नेता का अभिमत था कि हिन्दी में ही देश की राष्ट्रभाषा होने के स ...
Read More »क्या मप्र को मिलेगा कभी सूरमा गृह-मंत्री? पुलिस से हलकान है जनता
मप्र की भाजपा सरकार एक अच्छागृह मंत्री देने में असफल रही है जनमानस को.वर्तमान में भोपाल से विधायक,बाबूलाल गौर गृह मंत्री हैं.लेकिन जनता आज भी पुलिस की तानाशाही ,मनमानी अपराधियों क ...
Read More »भारत में पत्रकारिता पर जगेंद्र की हत्या से उठते सवाल
जगेंद्र हत्याकांड ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इन सवालों में एक सवाल खुद पत्रकारों के बीच तैर रहा है कि जगेंद्र को पत्रकार माना जाएगा या नहीं.? यह सही है कि हर 'भड़ास' निकालने वाला ...
Read More »विश्राम का मूल और सुख धाम है ‘घर’
घर आश्वस्ति है। विश्राम का मूल और सुखधाम। मनुष्य श्रम करता है, पीड़ित व्यथित होता है, थकता है टूटता है। अपमान भी सहता है। घर लौटता है। घर ही आश्रय है। आधुनिक समाज ने बड़े-बड़े होट ...
Read More »शिवराज मोदी के ‘ब्रांड एंबेस्डर’?
भोपाल- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रसन्नता और अप्रसन्नता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के लिए मायने रखती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स ...
Read More »गोद लिए गांवों का बुरा हाल (मोदी सरकार : 1 साल)
लखनऊ- केंद्र सरकार की सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कई दिग्गज सांसदों के गोद लिए गांवों में एक वर्ष बीत जाने के बाद भी बुनियादी स्तर पर बदलाव की शुरुआत नहीं हुई। ...
Read More »मप्र : हादसों के बाद जागती है सरकार!
भोपाल- हादसा होता है, लोग मरते हैं, सरकारें शोक संवेदना के साथ मुआवजे घोषित कर अपने को सजग दिखाने की कोशिश करती हैं। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बस हादसे के बाद भी ऐसा ही कुछ हो ...
Read More »मौत पर हंगामा नहीं मंथन कीजिए
प्रभुनाथ शुक्ल राजनीति का धर्म और मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना है। देश का किसान फसलों पर बेमौसम की पड़ी मार से आत्महत्या कर रहा है। लेकिन बिडंबना देखिए कि राजनीति के लिए यह वसंत और ...
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