Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज में कमियों को लेकर विवेक तन्खा के पत्र को आधार मान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » राज्य का पन्ना » मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज में कमियों को लेकर विवेक तन्खा के पत्र को आधार मान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज में कमियों को लेकर विवेक तन्खा के पत्र को आधार मान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल

April 16, 2021 10:16 am by: Category: राज्य का पन्ना Comments Off on मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज में कमियों को लेकर विवेक तन्खा के पत्र को आधार मान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल A+ / A-

भोपाल- मप्र से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पत्र को संज्ञान में लेकर बुधवार को हाईकोर्ट कोरोना संक्रमण के दौरान असुविधाओं को लेकरमैराथन सुनवाई हुई. मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है. सभी पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को बिंदुवार योजना पेश करने के निर्देश दिए हैं.हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर क्या तैयारी है.

जरूरतमंद मरीज को रेमडिसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए किए गए इंतजाम पर भी रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने सरकार को कहा कि बीमित मरीजों के पास यदि कैशलेस कार्ड है तो उसका लाभ सुनिश्चित कराया जाए. कोर्ट ने सरकार को आयुष्मान योजना के अस्पतालों को बढ़ाने का सुझाव भी दिया.

नई दिल्ली से वर्चुअल सुनवाई में शामिल हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा कि यह बहुत बड़ी आपदा है जिसके लिए आर्मी प्रोटोकॉल जैसे प्रबंधन की आवश्यकता है. उन्होंने प्रदेश भर के शासकीय अस्पताल, जिला अस्पताल के साथ गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह से फंक्शनल करने की आवाश्यकता है। डॉक्टरों के खाली पड़े पदों पर तत्काल नियुक्तियां करने की जरूरत है. वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और संजय वर्मा ने भी पक्ष रखा. शासन की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने पक्ष रखा.

सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज में हो रही अव्यवस्था, निजी अस्पतालों में मरीजों से अनाप-शनाप बिल वसूली, ऑक्सीजन की कमी, रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत सहित कई बिंदुओं पर बात रखी. वहीं सृजन एक आशा संस्था ने इसी मामले में जनहित याचिका लगाई थी.

पत्र याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. एक-एक बेड के लिए मारामारी मची हुई है. निजी अस्पतालों में इंश्योरेंस और सीजीएचएस सुविधा वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. उनसे एडवांस में नकद भुगतान के लिए कहा जा रहा है.

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज में कमियों को लेकर विवेक तन्खा के पत्र को आधार मान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल Reviewed by on . भोपाल- मप्र से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पत्र को संज्ञान में लेकर बुधवार को हाईकोर्ट कोरोना संक्रमण के दौरान असुविधाओं को लेकरमैराथन सुनवाई हुई. मध्य प्रदेश भोपाल- मप्र से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पत्र को संज्ञान में लेकर बुधवार को हाईकोर्ट कोरोना संक्रमण के दौरान असुविधाओं को लेकरमैराथन सुनवाई हुई. मध्य प्रदेश Rating: 0
scroll to top