आगरा, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील ताजमहल को प्रदूषण के स्रोतों से बचाने के लिए 31 जुलाई से इस क्षेत्र में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले व्यावसायिक वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी जाएगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आगरा से मथुरा और भरतपुर जाने वाले 12 मार्गो में हवा के अत्यधिक वेग से ताज को होने वाले खतरे को लेकर इसे ताज ट्रपीजियम जोन घोषित किया है। इस क्षेत्र का निर्माण ताजमहल को प्रदूषण के स्रोतों से बचाने के लिए किया गया है।
ताज ट्रपीजियम जोन ऑथोरिटी के मंडलीय आयुक्त प्रदीप भटनागर ने आगरा, मथुरा और फिरोजपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को निर्देश दिए हैं कि वे 31 जुलाई से पहले इन क्षेत्रों में सीएनजी से चालित वाहनों के संचालन को सुनिश्चित करे।
आगरा में 14,000 छोटे, व्यावसायिक माल ढोने वाले वाहन चलते हैं।
आयुक्त ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए पहले से ही गाय के गोबर से बने उपले को जलाने पर रोक लगा दी। यह कदम हाल में आई एक रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है, जिसमें कहा गया है कि इससे ताजमहल प्रभावित हो रहा है।
पेठा बनाने वाली इकाईयों को पेठानगर की तरफ जाने को गया गया है, क्योंकि अधिकांश शहर के मध्य स्थित नूर दरवाजा इलाके में मौजूद है।
इधर, गुरुवार शाम जिला प्रशासन, पुलिस और नगरनिगम की टीम ने साथ मिल कर चार पेठा इकाइयों को सील कर दिया, जो कि ताज ट्रपीजियम जोन में प्रतिबंधित कोयले का इस्तेमाल कर रहे थे।
शहर के मशहूर पंछी पेठा की इकाई को भी सील कर दिया गया है।
शहर के अतिरिक्त दंडाधिकारी श्याम लता आनंद ने कहा कि कोयले के इस्तेमाल करने वाली इकाइयों को कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी गई है। अगर जरूरत पड़ी तो आदेश का उल्लंघन करने पर और इकाइयों पर छापेमारी की जाएगी।