सिलीगुड़ी/कोलकाता (पश्चिम बंगाल), 2 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में लगातार भारी वर्षा के कारण बुधवार को हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। अधिकारियों का कहना है कि 12 लोग अब भी लापता हैं। हो सकता है कि उनकी मौत हो चुकी हो।
इस बीच, प्रभावित क्षेत्र में बचाव एवं राहत कार्य जोर-शोर से जारी हैं।
दार्जिलिंग में मंगलवार से जारी भारी बारिश के कारण बुधवार को हुए भूस्खलन में 30 लोगों की मौत की पुष्टि करने वाले अधिकारियों ने गुरुवार को आशंका जताई कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) एवं सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अलावा राज्य आपदा प्रबंध एवं प्रशासन के कर्मचारी भी आपदा प्रभावितों के बचाव और राहत के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।
जिला आपदा प्रबंध अधिकारी अनिंद्य सरकार ने बताया, “हमारे अनुमान के अनुसार कम से कम 12 लोग अब भी लापता हैं और ऐसा भी हो सकता है कि उनकी मौत हो चुकी हो। बचाव कार्य जारी हैं। हमें अभी कोई नया शव बरामद नहीं हुआ है। बुधवार तक 30 शव बरामद किए जा चुके हैं।”
हालांकि एसएसबी सूत्रों का दावा है कि लापता लोगों की संख्या 20 से अधिक है।
इस बीच, गयाबारी में हुए ताजा भूस्खलन से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रस्तावित मिरिक यात्रा अनिश्चित हो गई है, जहां भूस्खलन के कारण सर्वाधिक 22 लोगों की जान गई।
ममता राहत एवं बचाव कार्यो का जायजा लेने बुधवार रात न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचीं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु भी स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं।
भूस्खलन की घटना में बचाए गए लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है, लेकिन वहां भी उन्हें पीने के पानी और भोजन के अभाव से जूझना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान में क्षेत्र में भारी बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है।
जलपाईगुड़ी जिले का बड़ा हिस्सा बारिश और भूस्खलन में प्रभावित हुआ है। यहां 5,000 से ज्यादा लोग भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन ने क्षेत्र की नदियों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए हैं।