नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सरकारी अस्पतालों के हड़ताली रेजीडेंट डॉक्टरों को काम पर लौटने और ऐसा न करने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। डॉक्टरों ने हालांकि हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सरकार ने डॉक्टरों को चेतावनी दी थी कि अगर वे मंगलवार सुबह 11 बजे तक काम पर नहीं लौटे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम जब सभी मांगे मानने के लिए तैयार हैं, तो हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है।”
डॉक्टरों ने हालांकि फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्र्ट्स एसोसिएशन (फोर्डा) के आह्वान पर काम पर लौटने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक मांगे लागू नहीं होतीं, वे काम पर नहीं लौटेंगे। फोर्डा दिल्ली के 25 सरकारी अस्पतालों का एक संगठन है।
वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर और फोर्डा सदस्य प्रदीप कुमार ने आईएएनएस को बताया, “सरकार द्वारा हमें कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के बावजूद फिलहाल यह हड़ताल खत्म नहीं होने वाली। हमें पूर्व में भी हमारी मांगों के संबंध में यही आश्वासन दिए गए थे, लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं हुई।”
उन्होंने कहा, “अगर सरकार 20,000 रेजीडेंट डॉक्टरों को निलंबित कर सकती है, तो करे। सरकार को रेजीडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति की वजह से होने वाली दुश्वारियां समझनी चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के 25 सरकारी अस्पतालों के 20 हजार से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार को जीवनरक्षक दवा की उपलब्धता, कार्यस्थल पर सुरक्षा, काम के तय घंटे और समय से वेतन देने की मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल पर चले गए।